ये जो बचपन और बड़े होने के बीच का समय होती है न बड़ा कमाल की होती है, हम बचपन से तो थोड़े ऊपर उठ चुके होते है लेकिन बड़ो जैसी समझदारी हममे नही आयी होती है और हमे इस समय ऐसा लगता है कि हम जो क्र रहे है न पूरी समझदारी से कर रहे है, और ये समय ऐसी होती है कि बहोत सी अच्छी और बुरी चीजे हमे अपनी ओर खींचती हे, और हमे लगता है कि हम उन सभी चीजों को पाले तो सब कुछ मिल जायेगा लेकिन ऐसा नही है हमे बहोत आगे जानी होती है, जिंदगी के बहोत से सफर देखनी होती है, तभी तो हम कोई सही फैसला ले पाते है। अच्छा एक बात बताओ आज से आठ या दस साल के बाद जब आप सही मायने में सेटल होने लायक हो जाओगे तब उस समय पर कौन सी ऐसे चीजे या कौन से ऐसे लोग होंगे जो तुम्हारे साथ उस समय पर भी होंगे बता सकते हो ? आई थिंक नही या पता नही। तो सायद ठीक कहा आपने पता नही ये स्कूल तुम्हारे साथ नही होगा ये मौज मस्ती ये बे फ़िक्री ये नही होंगी प्रिंसीपल सर नही होंगे और आपके कुछ दोस्त नही होंगे और सायद अम्मी अब्बू भी न हो .... हैरान मत होइए ..... इसी का नाम जिंदगी है आगे बढ़ते रहना आप सब अच्छे लड़के हो जितनो ने कमेंट किया सभी अच्छे हो और भी यह...