इसी तरह इसमें कोई बेकार नही होता सब काम के होते है बस हमारी सोच हमे कमजोर कर देती है लेकिन सबको इसी राह से गुजरना होता है, हाँ ये बात अलग है किसी को राह में कंकड़ पत्थर ज्यादा मिल जाते है किसी को कम लेकिन मंजिल तक पहुचने के लिए सबको इसी राह से गुजरना होता है।
इसी तरह इसमें कोई बेकार नही होता सब काम के होते है बस हमारी सोच हमे कमजोर कर देती है लेकिन सबको इसी राह से गुजरना होता है, हाँ ये बात अलग है किसी को राह में कंकड़ पत्थर ज्यादा मिल जाते है किसी को कम लेकिन मंजिल तक पहुचने के लिए सबको इसी राह से गुजरना होता है।
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