इंसान का दिमाग ही एक ऐसा दिमाग जो सही तरह से सोचना जानता है लेकिन जब हम कोई अच्छी सोच को एक सही ढांचा देकर अपने दिमाग से बहार लाना होता है तो इसमें ज्यादातर लोग मात खा जाते है , ऐसा क्यों होता है ? क्योकि हमारा दिमाग बड़ा आलसी होता है , यह हमारी सोच को सही ढंग से नहीं रखता है बल्कि उन्हें आपस में ही उलझा देता है , इसलिए हम जो भी सोचे जो हमारे जीवन को बेहतर बनाने में मदद कर सकते है उन्हें किसी डायरी में नोट करले क्योकि नोटिंग बनाना सिर्फ लेखकों और बिज़नेस मैन के लिए ही नहीं है बल्कि हर उस व्यक्ति के लिए है जो सोच सकता है ! नोटिंग बनाना या लिखना एक ऐसा तरीका है जिसकी मदद से आप अपनी सोच को एक सही आकार देकर बोल सकते है जिससे दूसरे आपकी बातो को अच्छे से समझ सके ! इसमें कुछ नियमो का इस्तेमाल कर आप अपनी सोच को लिखना सीखते है, जिसके आपको बहोत फायदा होता है !!
हारना मंजूर है मुझे पर खेल तो बड़ा ही खेलूंगा जिंदगी में एक बात तो तय है , की "तय " कुछ भी नहीं !! ------------------------------------ वीरानियाँ मौसम से नहीं ............. एहसास से होती है .....!! ज़िन्दगी की फिलोसोफी‘कभीं है कड़ी धूप तो कभी है छांव, यारों यूहीं चलती हैं, हमारे जिंदगी की नांव…‘ आइए जिंदगी की फिलोसॉफी समझते हुए सुनते है कुछ ऐसे थॉट , विचार जो हमारे जीवन को देंगे नई दिशा। खामोस की तह में छुपा लो सारी उलझने, शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता