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Showing posts from October, 2020

तजुर्बा

 तजुर्बा इंसान को गलत फैसले से बचाता है  और तजुर्बा गलत फसलों से ही आता है।  जिंदगी में डर डर के नहीं जीना है कर कर के जीना है , कर कर के  जीना है 

दुनिया सिर्फ अपने बारे में सोचती है

 दुनिया सिर्फ अपने बारे में सोचती है  इंसान समझता है की सब कुछ उसके इख़्तियार में है।  यही भूल है उसकी , लेकिन करे भी तो क्या  आखिर किस्से उम्मीद लगाए  कभी दौलत के पीछे भागता है तो कभी सौहरत के पीछे नादान है नहीं जनता की ये सब कुछ बेईमानी और फ़ना हो जाने वाला है अपनी मर्ज़ी से तो इस दुनिया में साँस भी लेना मुहाल है फिर क्यों छोड़े हक़ का रास्ता, जालिम के आगे सर कैसे झुका दू खुदा को क्या जवाब देंगे हम रोजे हश्र के दिन क्या होगा हमारे साथ।   दुनिया में अगर आपको कुछ पाना है तो उसके लिए हिम्मत चाहिए बाकी रही बात संघर्ष और मौत की तो जो कौम या जो लोग ख्वाब नहीं देखते वो कुछ पाते भी नही।   

जीवन संघर्ष और मुसीबते इन सब टाइम में भी अपने आपको खड़ा कैसे करे

 सभी लोगो के जीवन में कठिनाइयां आती है  कुछ लोग इससे लड़ते है और कुछ हार मान कर अपने जीवन को उसी पटरी पर दोबारा से लेकर चले जाते है जिसपर से वो आए थे और वो पुरे जीवन कोम्प्रोमाईज़ करते रहते है  लेकिन इसके विपरीत इन कठिनाइयों को झेलने वाला इससे लड़ने वाला एक मजबूत इंसान बन जाता है और  आपको एक बात और बताता चालू की ये जो कठिनाइयां , परेशानिया, मुसीबते, है  ये सभी एक आंधी की तरह होते है जो आते तो है लेकिन एक दरवाजे पर अधिक देर नहीं टिकते न हीं  इन्हे नेवता देना पड़ता है बस ये आते है और हल्के इंसानो को उड़ा ले जाते है और जो मजबूत है मन से उसको वो हिला तो देते है लेकिन तोड़ नहीं पाते जबकि इसके विपरीत वो कमजोर इंसानो को हिला कर तोड़ देते है उसमे से भी कुछ इंसान उठता है या उठने की कोसिस करता है लेकिन कुछ इंसान उससे टूट कर अपने आपको बिखेर देते है जिससे उनको दुनिया लूट ले जाती है।   जिस तरह समुन्द्र पुरे जोश में लहरों के साथ किनारे को टच करता है और फिर शांत होकर वापिस चला जाता है लेकिन किनारा वही का वही बना रहता है हां इतना होता है कभी कभी लहरे उसके बनाए हद से आगे...