आंधी बोल कर नहीं आती...
उसे न्योता नहीं देना पड़ता ..
वो तो बस .. घेर लेती है अचानक ..
एक बात है मगर .. आंधी रुक नहीं सकती ..
एक दरवाजे पर देर तक !
मुसीबत , परेशानी और घटनाए एक आंधी की तरह होती है जो बोलकर नहीं आती न ही आप या हम उसे न्योता देते है वो तो बस घेर लेती है अचानक .... इसलिए जिस तरह आंधी देर तक नहीं टिकती एक दरवाजे पर ठीक इसी तरह मुसीबत भी नहीं टिकती इसलिए हमे मुसीबत और परेशानी में सब्र से काम लेना चाहिए ये .... चली जाएँगी .....आप और हम सभी देख़ते है जिस तरह समुन्द्र की लहरे किनारो की तरफ एक तेज लहर के साथ बढ़ती है और किनारो को छू कर वापिस चली जाती है ठीक इसी तरह मुशीबत भी है बस सही समय के लिए हमे सब्र करनी चाहिए !!
उसे न्योता नहीं देना पड़ता ..
वो तो बस .. घेर लेती है अचानक ..
एक बात है मगर .. आंधी रुक नहीं सकती ..
एक दरवाजे पर देर तक !
मुसीबत , परेशानी और घटनाए एक आंधी की तरह होती है जो बोलकर नहीं आती न ही आप या हम उसे न्योता देते है वो तो बस घेर लेती है अचानक .... इसलिए जिस तरह आंधी देर तक नहीं टिकती एक दरवाजे पर ठीक इसी तरह मुसीबत भी नहीं टिकती इसलिए हमे मुसीबत और परेशानी में सब्र से काम लेना चाहिए ये .... चली जाएँगी .....आप और हम सभी देख़ते है जिस तरह समुन्द्र की लहरे किनारो की तरफ एक तेज लहर के साथ बढ़ती है और किनारो को छू कर वापिस चली जाती है ठीक इसी तरह मुशीबत भी है बस सही समय के लिए हमे सब्र करनी चाहिए !!
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