सायादार बरगद है
बाप जिसको कहते है
आँधियों में छत है वो
प्यास जब लगे मुझको
एक बहता दरिया है !

बाप जिसको कहते है
आँधियों में छत है वो
प्यास जब लगे मुझको
एक बहता दरिया है !

हारना मंजूर है मुझे पर खेल तो बड़ा ही खेलूंगा जिंदगी में एक बात तो तय है , की "तय " कुछ भी नहीं !! ------------------------------------ वीरानियाँ मौसम से नहीं ............. एहसास से होती है .....!! ज़िन्दगी की फिलोसोफी‘कभीं है कड़ी धूप तो कभी है छांव, यारों यूहीं चलती हैं, हमारे जिंदगी की नांव…‘ आइए जिंदगी की फिलोसॉफी समझते हुए सुनते है कुछ ऐसे थॉट , विचार जो हमारे जीवन को देंगे नई दिशा। खामोस की तह में छुपा लो सारी उलझने, शोर कभी मुश्किलों को आसान नहीं करता
Comments