एक अंजना दरिया है
और रिश्तो की नाव हवा सी
तेरे हाथ का साथ मिले तो
तूफान खुद मंजिल बन जाए

दुश्मनी भी दिल से थी
दोस्ती भी दिल से थी
मन बावरे के आँगन में
बाजियां नहीं चलती

रास्ता भी एक था ,
मंजिले भी एक थी ,
मगर न जाने राह में
सांस क्यों उखड़ गयी ..

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